बलात्कार सभ्य समाज के चेहरे पर एक घिनौना दाग
है। मनुष्य अपने यानको मंगल पर ले गया चांद पर ख़ुद चला गया पर आज भी विज्ञान की इतनी तरक्की और कामयाबियों के बाद भी जैसे हम बर्बर युग मे ही जी रहे हों। हमारे यहां बलात्कार मानव तस्करी मादक पदार्थों की तस्करी दहेज हत्या दलितों पर अत्याचार रंग भेद जैसे गम्भीर कुकृत्य हो रहे हैं और हम असहाय की तरह सब कुछ हाथ पर हाथ धरे देख रहे हैं। इससे शर्मनाक क्या होगा।